नई दिल्ली 15 सिंतबर: बकरी बेचकर टॉयलेट बनाने वाली छत्तीसगढ़ निवासी 105 वर्षीय कुंवरबाई को स्वच्छता मिशन के शुभंकर के रूप में चुना गया है जिसके लिए उन्हें सम्मान के रूप में दो लाख रूपये दिए जायेंगे, मिलने वाली रकम को लेकर इन दिनों कुंवर बाई की रातो की नींद और दिन का चैन उड़ा हुआ है, उन्हें दिन पर दिन एक ही चिंता सता रही हैं की वो इतनी बड़ी रकम को कहा रखेंगी, कही चोरी हो गई या फिर चोरो ने उनसे पैसे छीनकर उनका क़त्ल कर दिया तो,, इन सब बातो को लेकर कुंवरबाई बहुत ही परेशान नजर आ रही है हालाँकि अभी उन्हें सम्मानित राशि मिली नहीं है।
बाई को इस बात की भी ख़ुशी है कि उन्हें पैसे लेने के लिए हवाई जहाज से दिल्ली बुलाया गया है, साथ ही इस बात का डर भी है कि वह हवाई जहाज में कैसे बैठेंगी, उन्हें हवाई जहाज से नीचे गिरने का भी डर है, हवाई जहाज में बैठना ही उनके लिए बहुत बड़ी बात है। उनका कहना है कि उन्होंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि हवाई जहाज में बैठूंगी, मै भले ही हवाई जहाज से नीचे गिर जाऊं लेकिन मोदी ने मुझे दिल्ली बुलाया है तो जाउंगी।
वे कहती हैं ‘मैं कब सोचे रहेंव, जहाज म बइठिहंव..। मोदी हमोर बेटा हे...त मोर बेटी शुशीला है, ओकर बहिनी होइस। ओ हर ओला राखी बांधही।’ (मतलब, मोदी ने उन्हें मां माना है तो बेटी सुशीला उनकी बहन हुईं। वो दिल्ली में प्रधानमंत्री को राखी बांधेंगी। प्रधानमंत्री के लिए सुशीला ने अपने हाथ से राखी बनाई है। सुशीला कहती हैं, इस सम्मान के बाद से छत्तीसगढ़ में उनकी मां खास हो गई हैं लेकिन उनकी मां को लगता है कि तो कोई उनकी पुरस्कार राशि न चुरा ले। कुंवर बाई से जब कहा गया कि नरेंद्र मोदी आपका सम्मान करेंगे। नए कपड़े ले लो, तो कुंवर बाई बोलीं, प्रधानमंत्री कपड़े का सम्मान कर रहे हैं या मेरा। कोई जरूरत नहीं है। मैं जैसी हूं, ठीक है। मैं भली, मेरी पुरानी फटी साड़ी भली और मेरी लाठी भली।
छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के कोटाभर्री गांव की रहने वाली कुंवर बाई यादव ने अपनी बकरी बेचकर टॉयलेट बनवाया था। इससे प्रेरित हो पूरे गांव के लोगों ने टॉयलेट बनवाए। 17 सितंबर को दिल्ली में उन्हें प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित किया जाएगा। कुंवरबाई के साथ बेटी सुशीला, नाती बुधराम, सरपंच वत्सला और जोहन यादव भी दिल्ली जाएंगे
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